Tag: Emergency

  • Russian President Putin Says The Country Is Always Ready To Provide Humanitarian Aid

    Russian President Vladimir Putin on Sunday said his country is always ready to provide humanitarian aid to other countries. Putin, while speaking on the occasion of ‘Emergency Rescuers Day’, said that Russia is always ready to assist other countries with humanitarian aid through its always proactive Emergency Situations Ministry. Russia marks ‘Rescuers Day’ every year on December 27. 

    Russia is currently overseeing the humanitarian work in the disputed Nagorno-Karabakh region, which saw intense fighting earlier this year between Azerbaijan and Armenia. Russia brokered the peace agreement between the two former Soviet Union members after a war that lasted for over a month. Russia has deployed peacekeepers in the region and is currently assisting both nations to return to normalcy. 

  • ‘Every Country Should Declare A State Of Climate Emergency’: UN Chief Tells World Leaders

    World leaders should declare “climate emergency” in their respective countries, UN Secretary-General Antonio Guterres said in opening remarks at a climate summit that marked the fifth anniversary of the Paris climate accord. In a virtual address to the leaders of the world on December 12, the UN chief urged that there was a “state of emergency” with respect to global climate change and the nations were unable to meet the targets set in 2015. Guterres said that there weren’t considerable efforts from the countries to cut global emissions by 45 percent by 2030 from the 2010 levels. “Promises were not enough,” the UN chief iterated, adding that there is an urgency for revised and strengthened international contributions.

    Furthermore, the UN chief called on the world leaders to declare a state of climate emergency in their countries until carbon neutrality was reached. “Some 38 countries have already done so, recognizing the urgency and the stakes,” he said. Guterres told world leaders that the revised targets for reducing greenhouse-gas emissions by the Paris accord signatories were to be submitted before the 26th Conference of Parties, to be held in Glasgow, which has been postponed a year duet COVID-19.

  • मोदी ने कहा- जब भी कांग्रेस को कुर्सी जाने का डर होता है, वह देश में डर का माहौल बनाना शुरू कर देती है

    मुंबई. देश में 25 जून 1975 को आपातकाल लगा था। इसके 43 साल पूरे होने पर भाजपा ने मंगलवार को मुंबई में ‘आपातकाल : लोकतंत्र पर आघात’ विषय पर कार्यक्रम रखा। इसमें बतौर मुख्य वक्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब भी कांग्रेस को कुर्सी जाने का डर होता है, वह देश में डर का माहौल बनाना शुरू कर देती है। इनके नेता ये कहना शुरू कर देते हैं कि देश तबाह हो रहा है और देश को हमीं बचा सकते हैं। इनके लिए मूल्य, परंपराएं, देश, संविधान कुछ मायने नहीं रखता। मोदी ने कहा- “कांग्रेस की आलोचना मात्र करने के लिए हम काला दिन नहीं मनाते। हम देश और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं। हम स्वयं को भी संविधान के प्रति समर्पित रखने के लिए इसे याद करते हैं।” आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने के लिए लगाया गया था। नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। इसका विरोध करने वालों को कैद कर लिया जाता था।

    आपातकाल का ऐसा उदाहरण कहीं नहीं मिल सकता: मोदी ने कहा- “लोकतंत्र के प्रति समर्पण को बार-बार याद करना चाहिए। ये अपने आप में संस्कार है। आज की पीढ़ी को पूछा जाए कि आपातकाल कैसा था? वो उस बारे में ज्यादा नहीं बता पाएगा। दरअसल प्यासे को पता होता है कि पानी न मिलने की तड़पन कैसी होती है। देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख और परिवार की भक्ति के प्रति समर्पित लोग देश को सलाखों में बंद कर देंगे। लोगों को बताया जाता था कि तुम्हारा नाम मीसा में है और जल्द ही दरवाजे पर पुलिस आने वाली है। संविधान का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है, ऐसा उदाहरण ही कहीं मिले।”

    वे दुनिया को मोदी के नाम से डरा रहे हैं:मोदी ने कहा: “वो कहते हैं कि दलित संकट में है। ये भय पैदा किया जा रहा है। दो दोस्तों के बीच में झगड़ा होता है तो उसे भी गलत तरीके से पेश किया जाता है। उनके गाने-बजाने वाले इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। जिन्होंने भय का माहौल बनाया, वो दुनिया को मोदी के नाम से डरा रहे हैं। अगर इस देश को चलाना है तो संविधान ही रास्ता हो सकता है। हमारी कोशिश होती है कि संविधान के प्रति लोगों में सम्मान का भाव पनपे।”