बिहार: झूठे केस में जेल भेजने पर 2 इंस्‍पेक्‍टर और 9 पुलिसवाले सस्‍पेंड

पटना. बिहार की राजधानी पटना में एक नाबालिग सब्जी विक्रेता को 3 महीने के लिए गिरफ्तार करने के मामले में पटना पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की है. आईजी पटना नैयर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले में दो पुलिस इंस्‍पेक्‍टर और 9 सदस्‍यीय रेड पार्टी को सस्‍पेंड कर दिया गया है. साथ ही नाबालिग को बेउर जेल से रिमांड होम में शिफ्ट कर दिया गया है.

उन्‍होंने कहा, नाबालिग को बेउर जेल से रिमांड होम में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. उसकी असली उम्र जानने के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा. अगमकुआं पुलिस स्‍टेशन के पूरे स्‍टाफ को डिस्ट्रिक लाइन भेज दिया गया है. खान ने कहा कि आरोपी दो पुलिस इंस्‍पेक्‍टरों और नौ सदस्‍यीय पार्टी को सस्‍पेंड कर दिया गया है.

उन्‍होंने बताया कि एसडीपीओ के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं और उन्‍हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है. एसएसपी को एक बार फिर से मामले की जांच के लिए कहा गया है. बता दें, नाबालिग के पिता का कहना है कि एक पुलिस अधिकारी को मुफ्त में सब्जी देने से इनकार करने पर पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार किया है. इस आरोप के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच के आदेश देकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

मार्च में हुई इस घटना ने उस समय तूल पकड़ा जब एक टीवी न्यूज चैनल ने नाबालिग के माता-पिता से बात की. इस दौरान पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिस पत्रकार नगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत चित्रगुप्त नगर स्थित उनके घर से उठा ले गई थी. परिवार ने बताया कि उनके बेटे पर बाइक चोरी का इल्जाम लगाकर जेल में भेज दिया गया था. साथ ही पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में उसे बालिग बताया.

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