Category: News

  • How to figure out which Tampa Bay concerts are included

    Perhaps you’ve heard the news: Live Nation is celebrating its National Concert Week by offering a slew of concert tickets — 1.5 million at 2,000 shows nationwide! — for just $20 all-in, no fees.

    But if you find yourself perplexed by which shows are actually part of the deal, we feel you.

    The initial concert list Live Nation distributed last week included dozens of tours that were passing through Tampa and Orlando this summer and fall. But not every tour and concert was going to be part of the deal. So which ones were? We had to wait until the deal’s launch this morning to find out.

    Turns out a whopping three dozen Tampa Bay concerts were included — but good luck locating all those deals. The Live Nation site launched in conjunction with the promotion listed some shows with relatively tiny allotments of tickets, some of which went quickly.

    At Amalie Arena, for example, the list included Maroon 5, Shania Twain, Kevin Hart, Daryl Hall and John Oates and Train, Journey and Def Leppard, and Game of Thrones in Concert. Within hours, the only show with $20 tickets remaining appeared to be Game of Thrones. Amalie spokeswoman Angela Lanza said the more popular deals likely sold out early.

    At the Mahaffey Theater and Al Lang Stadium, on the other hand, all four events listed as part of the deal — Joe Biden, David Blaine, Lauryn Hill and Counting Crows — still had $20 tickets available, said Mahaffey spokeswoman Cindy Cockburn. (You won’t see them until you click through to the Mahaffey’s ticketing system, but they should be there.)

    The one concert listed for Raymond James Stadium, Luke Bryan on June 23, only had tickets listed as low as $29.75 by late morning — and those were in the back row of the upper deck.

  • Roc Nation’s Kim Miale on NFL Draft success

    Kim Miale, Roc Nation Sports agent, discusses breaking gender records with her client’s placement in the NFL Draft and what she sees for the future of the sport.

  • PM returns to China ‘return gift: stress now will decrease on border

    पीएम नरेंद्र मोदी के दो दिनों के चीन दौरे में भले ही दोनों देशों के बीच कोई करार न हुए हों, लेकिन एक मुद्दे पर बनी सहमति पाकिस्तान को जरूर परेशान कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में चीन और भारत के साथ काम करने को लेकर पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने सहमति जताई। दोनों नेताओं ने माना कि चीन और भारत को इंडिया-चाइना इकनॉमिक प्रॉजेक्ट के तहत अफगानिस्तान में काम करना चाहिए।

    भारत और चीन के बीच बनी यह सहमति पाकिस्तान की चिंता को बढ़ाने वाली है, जो अफगानिस्तान में भारत के दखल को कम करने के लिए प्रयासरत रहा है। पीएम मोदी का दो दिवसीय अनौपचारिक चीन दौरा शनिवार को समाप्त हुआ। इस दौरान पीएम मोदी ने 6 बार चीनी प्रेजिडेंट शी चिनफिंग से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग के दौरान दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि उन क्षेत्रों की पहचान की जाए, जिनमें भारत और चीन साथ मिलकर अफगानिस्तान में काम कर सकते हैं।

    यह पहला मौका होगा, जब चीन ने युद्ध प्रभावित देश अफगानिस्तान में किसी प्रॉजेक्ट में सीधे तौर पर उतरने का फैसला लिया है। अब तक चीन की ओर से अफगानिस्तान में पाकिस्तान को ही रणनीतिक सपॉर्ट किया जाता रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान और अमेरिका अक्सर पाकिस्तान पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और अशांत देश में तालिबान को मजबूती देने का काम कर रहा है।

    चीन के विदेश मंत्री कॉन्ग शॉयन्यू ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि भारत उनके ‘बेल्ट ऐंड रोडÓ प्रॉजेक्ट को स्वीकार करता है या नहीं। उन्होंने कहा कि चीन भारत पर बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट स्वीकार करने के लिए दबाव नहीं डालेगा।

    पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात का जिक्र करते हुए कॉन्ग ने कहा कि दोनों लीडर्स का मानना है कि भारत और चीन पड़ोसी, दोस्त और पार्टनर्स हैं। उन्होंने कहा, ‘दोनों ही पक्ष सभी मामलों में सहयोग बढ़ाने, असहमतियों का हल निकालने, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर काम करेंगे।

    भारत और चीन के अधिकारियों के बीच हुई अनौपतारिक सम्मेलन के बाद कॉन्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट पर बात की। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि चीन को मानना है कि भारत ने तिब्बत को लेकर भी अपना आधिकारिक पक्ष नहीं बदला है। चीन, तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है।

    2014 में साबरमती के तट पर प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कि मुलाक़ात डिनर पर हुई थी और अब 4 साल बाद फिर से एक नदी का किनारा है, दिल से दिल की बात है और ,डिनर पर मोदी और शी जिनपिंग हैं. बस इस बार ये मुलाकात साबरमती की जगह चीन के खुबसूरत वुहान में ईस्ट बैंक पर हो रही है. इस शहर में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग की प्रसिद्ध कोठी भी है जहां उन्होंने कई विदेशी नेताओं की मेजबानी की थी. वुहान को चीन का दिल कहा जाता है जो चेयरमैन माओ की पसंदीदा जगह थी.

    दिल की बात करने के लिए चीन के दिल को चुना गया है. 64 वर्षीय शी को चीन में माओ के बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जा रहा है. दोस्ताना दौरे में एक अपनापन दिखने की कोशिश में बीजिंग के बाहर वुहान चुना गया है, ठीक वैसे ही जैसे जब शी यहां आए थे तो मोदी उन्हें अपने गृह राज्य गुजरात ले गए, जहां दोनों झूला झूलते नजर आए थे.

    देश प्रधानमंत्री को इन मुद्दों पर बोलते हुए सुनना चाहता है-4 सालों में प्रधानमंत्री मोदी का ये चौथा चीनी दौरा है. इस दौरे को ‘नो एजेंडाÓ दौरा कहा जा रहा है. कोई तय एजेंडा नहीं, कोई साझा बयां नहीं, कोई उम्मीदें नहीं. फिर सवाल है कि मकसद क्या है? दुनिया की 40 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों नेता दो दिन एक दूसरे के साथ बिता रहे हैं. चीनी मीडिया इसे एक नए युग कि शुरुआत बता रहा है. हां इस दिल की बात वाले ‘नो एजेंडाÓ दौरे पर विपक्ष की नजर है. राहुल गांधी ने याद दिलाया है कि दिल की बात के साथ प्रधामनंत्री कुछ राष्ट्र हित कि बात भी कर आएं. राहुल गांधी ने कहा कि एक तो डोकलाम दूसरे चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. ये भारत की जमीन है. देश प्रधानमंत्री को इन मुद्दों पर बोलते हुए सुनना चाहता है.

    डोकलाम  में भारत चीन टकराव के बाद ये पहली बार है कि भारत और चीन के शीर्ष नेता मिल रहे हैं. पिछले साल जुलाई में भारत और चीन की सेना 72 दिनों तक आमने सामने डटी थीं, लेकिन डोकलाम के बाद जो अकड़ और सख्त लहजा भारत की तरफ से दिखा वो अब नई दिल्ली के सत्ता के गलियारों में सुनाई नहीं दे रहा. बल्कि चाइना के बेल्ट रोड पॉलिसी की आलोचना भी अब दबे सुरों में ही होती है. लेकिन मोदी की चीन नीति ना नेहरू की तरह चीन पर नरम ही नरम और ना ही इंदिरा गांधी की तरह चीन पर गरम ही गरम. ये थोड़ी ज्यादा व्यावहारिक है. तभी डोकलाम में आमने-सामने डटे भी रहे और वक्त पडऩे पर रिश्ते का संतुलन सही करने चीन भी पहुंच गए.

    चीन ने भी गर्मजोशी दिखाते हुए बीजिंग के बाहर एक अनौपचारिक शिखर वार्ता मोदी के लिए आयोजित की, जिसमें शी दो दिनों तक बीजिंग के बाहर होंगे. शायद पहली बार किसी विदेशी नेता के लिए चीन के शी जिनपिंग ऐसा स्वागत कर रहे हैं.

    शी जिनपिंग खुश हुए, पर गौर कीजिए कि भारत ने भी पिछले दिनों चीन को खुश करने के लिए क्या-क्या किया. सबसे पहले तो तिब्बत और दलाई लामा को नजरंदाज किया दूसरे मालदीव के संवैधानिक संकट में अब्दुल्लाह यमीन कि सरकार की अपेक्षा के मुताबिक मदद नहीं कि चीन के लिए ये मैदान खाली कर दिया.

  • Congress leader actress Ramya was in Hong Kong with Vijay Mallya?

    65 वर्षों की दुश्मनी के उपरांत दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया शांति के लिये मित्रता स्थापित किये हैं। ठीक उसी प्रकार भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1962  में हुई दुश्मनी को भुलाकर चीन के साथ मित्रता का हाथ ६५ वर्षों के बाद बढ़ाया है। इस दृश्य से अप्रैल २०१८ विश्व शांति और मानवता के इतिहास के लिये सदैव स्मरणीय रहेगा। ऐसी अपेक्षा वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा प्रारंभ से ही रखने वाली भारत की जनता की है।

    एक ओर जहॉ भारत का, भारत की जनता का नाम विश्व में स्थापित करने की ओर नरेन्द्र मोदी कदम पर कदम बढ़़ाए जा रहे हैं ठीक इसके विपरीत केजरीवाल के क्लोन राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के उपरांत सत्ता में आने की जल्दबाजी में अपने आपको देशद्रोह के आरोपी कन्हैय्या कुमार, उमर खालिद, हार्दिक पटेल के साथ खड़े होने के लिये देशविरोधी कदम पर कदम बढ़ाये जा रहे हैं।

    कल ही उन्होंने राष्ट्रगीत वंदेमातरम का अपमान किया। उनके ही नेता ने सफाई देते हुये कहा कि राहुल गांधी ने एक लाईन में ही वंदे मातरम को समाप्त इसलिये करवाया क्योंकि उसके पूर्व वंदेमातरम हो चुका था।

    देश को बांटने के लिये उन्होंने कश्मीर में जो स्थिति पंडित नेहरू ने पैदा की थी उसी का अनुकरण करते हुये कर्नाटक को भी कश्मीर की  जैसी स्थिति बनाना चाहते हैं इसीलिये उन्होंने कर्नाटक के लिये अलग ध्वज प्रस्तुत किया। हिन्दुओं को बांटने के लिये लिंगायत को अलग धर्म की संज्ञा दी।

    उन्होंने यूपीए शासनकाल में हुये भ्रष्टाचार जिसके कारण से की कांग्रेस को दुर्दिन देखने पड़े सत्ता से हटना पड़ा और ४४ पर सिमट गई। उससे शिक्षा न लेते हुये अभी भी भ्रष्टाचार को गले लगाये हुए हैं।

    जिस प्रकार से या पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गीतांजलि जेस और नीरव मोदी की कंपनियों को मदद करने के लिए मई 2014 में 80:20 गोल्ड स्कीम में फ़ेरबदल किया था?

    इस अवधि के दौरान सोने के आयात पर कैग

    रिपोर्ट दर्शाती है कि सोने का आयात वास्तव में

    20-80 योजना के तहत बढ़ गया है। 2013 में यूपीए सरकार ने सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए 20-80 (८०-२० ह्यष्द्धद्गद्वद्ग) योजना शुरू की थी। सोने की चालू खाता घाटे से निपटने की उमीद थी दिलचस्प बात यह है कि मेहुल चोसी ने मीडिया से पहले 20-80 योजना (80-20 ह्यष्द्धद्गद्वद्ग) का स्वागत किया था और कहा कि इससे जौहरी को मदद मिलेगी। इस योजना में अनिवार्य था कि निर्यातकों को विदेशों में आयातित सोने का कम से कम 20 प्रतिशत आयात किया जाना था।

    जिस प्रकार से चिदंबरम पर नीरव-चौकसी के भ्रष्टाचार में साथ देने का आरोप है उसी प्रकार से पोस्टकार्ड डॉट न्यूज में छपी एक न्यूज के अनुसार राहुल गांधी की नई-नवेली मीडिया प्रमुख बनी एक्ट्रेस अब कांग्रेस नेत्री रम्या का भी आठ वर्ष पूर्व का एक ट्वीट मीडिया में प्रसारित हो रहा है जिससे यह लगता है कि उक्त रम्या का संबंध भगोड़े विजय माल्या से रहा है और संभव है इसी कारण रम्या राहुल गांधी की मीडिया प्रमुख बनने में सफलता प्राप्त की हो।

    कांग्रेस पार्टी जो दावा करती है कि प्रधान मंत्री मोदी को बिजनेस टाइकून से प्राप्त हुए विजय माल्या ने यह उल्लेख करना भूल गया है कि राम्या वाजपे माल्या के कारण हांगकांग में छुट्टियां बिताने की अपनी इच्छा पूरी करने में सक्षम थीं। हां, राम्या के 8 साल पुराने ट्वीट सोशल मीडिया में राउंड कर रहे हैं जिसमें रामा ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हांगकांग के लिए उनका पहला अवकाश दौरा केवल व्यापारिक टाइकून विजय माल्या के कारण संभव था, जिन्होंने भारत को लूट लिया था।

    • “हाइलाइट्स 2010: आरसीबी एफएवी टीम, सर्वश्रेष्ठ टीम, यादगार और शौकीन यादें: ओ) श्री विजय माल्या के लिए आपका बहुत बड़ा धन्यवाद। हांगकांग में मेरी पहली छुट्टी “।
  • Ullamas dismissed Bukkl Nawab from the islam on worship at the temple

    Deobandhi Ulemas said that those people who worship someone other than Allah, those people are rejected from Islam. To return to Islam again, Bukkal Nawab will have to face Allah. Deobandi Ulema Mufti Ahmed Gaur said that worshiping the deity is not justified in Islam. If a Muslim worship any other than Allah, he is rejected from Islam. He said that Muslims worshiping goddesses are not Islam. Whether it is Bakkal Nawab or any other Muslim. Worshiping someone else with God is not justified in Islam.

    Former MLC Bakkal Nawab of Samajwadi Party, after joining BJP, had come to visit the South Mookhey Hanuman temple at Hazrat Ganj. Here he worshiped Hanuman ji and offered the bell in the temple. After worshiping in the temple, Bakkal Nawab had said that this temple was built by his ancestors, which is confirmed by the books of Google and Geeta Press

  • बंगाल के रानीगंज में हिंसा, बाबुल सुप्रियो ने ममता राज को बताया ‘जेहादी सरकार’

    रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल का रानीगंज इलाका जल रहा है, वहीं इस मसले पर सियासत भी जमकर की जा रही है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सूबे की ममता बनर्जी सरकार को उन्माद के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसे जिहादी सरकार की संज्ञा दी है.

    बंगाल के आसनसोल से सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाए कि रानीगंज में हिंसा का कारण पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार ने तुष्टीकरण के लिए कोई एक्शन नहीं लिया.

    सुप्रियो ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले कदम उठाए होते तो हिंसा को टाला जा सकता था. पुलिस ने अपने राजनीतिक आकाओं के कहने के मुताबिक काम किया और इलाके में गुंडों को पूरी छूट दे दी.