चारा घोटाले में लालू यादव को सबसे बड़ी सजा, चौथे मामले में 14 साल की कैद, 60 लाख जुर्माना

रांची: आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। चारा घोटाले के चौथे मामले में लालू यादव को 14 साल की सजा सुनाई गई है। चारा घोटाले से जुड़ा ये दुमका कोषागार मामला है। इसके अलावा लालू पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 1 साल की और सजा भुगतनी होगी। चारा घोटाले से जुड़े मामलों में लालू को मिली ये सबसे बड़ी सजा है।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दुमका कोषागार से गबन मामले में लालू को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सात साल कैद की सजा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी सात साल कैद की सजा सुनाई है। लालू को सुनाई गई दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगीं। इस तरह लालू प्रसाद को कुल 14 साल की सजा हुई । इसके अलावा उन पर 30-30 लाख का कुल 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

चारा घोटाले के दुमका कोषागार से 3 करोड़, 13 लाख रुपए के गबन के मामले में 31 लोगों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव समेत 19 को दोषी करार दिया था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व विधायक ध्रुव भगत, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पूर्व विधायक आर के राणा समेत 12 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी करने का आदेश दिया था।

लालू प्रसाद बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में यहां की बिरसा मुंडा जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में अपना फैसला 5 मार्च को सुरक्षित कर लिया था। यह मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 13.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है।

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