चारा घोटाला: दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को अब तक की सबसे ज्यादा सज़ा  

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव को दुमका कोषागार से 13.31 करोड़ रूपये के अवैध निकासी मामले में सज़ा सुनाते हुए सात-सात साल की दो सज़ा सुनाई गई है। यानि, इस मामले में कुल 14 साल की सज़ा सुनाई गई है। इसके साथ ही, अदालत ने लालू यादव पर 30-30 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। चारा घोटाला का यह ऐसा चौथा मामला है जिसमें लालू यादव को सज़ा दी गई है।  आरजेडी अध्यक्ष को अब तक की सबसे ज्यादा सज़ा दी गई।

लालू की तरफ से बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जैसे ही फैसले की कॉपी मिलती है वे फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

इससे पहले, 23 मार्च को अदालत में पांच दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई। दोषी राधा मोहन मंडल, राजाराम जोशी, सर्वेंद्र कुमार दास, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र बगेरिया वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कोर्ट में हाजिर हुए। इनकी ओर से अधिक उम्र,अधिक समय से मुकदमे का ट्रायल सहित कई बीमारियों का हवाला देते हुए कम सजा का अनुरोध किया गया। अदालत ने 19 मार्च को 19 लोगों को दोषी ठहराया था। सजा पर 21 मार्च से सुनवाई शुरू हुई थी, जो 23 मार्च तक चली।

19 अभियुक्त दोषी करार
लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री फूलचंद सिंह, तत्कालीन सचिव, नंद किशोर प्रसाद, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, ओपी दिवाकर, तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक, पंकज मोहन भुई, तत्कालीन एकाउंटेंट, पितांबर झा, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, केके प्रसाद, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, रघुनाथ प्रसाद, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, राधा मोहन मंडल, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, एसके दास, तत्कालीन असिस्टेंट, अरुण कुमार सिंह, पार्टनर विश्वकर्मा एजेंसी, अजित कुमार शर्मा, प्रोपराइटर लिटिल ओक, विमल कांत दास, तत्कालीन वेटनरी ऑफिसर, गोपी नाथ दास, प्रोपराइटर, राधा फार्मेसी, एमएस बेदी, प्रोपराइटर सेमेक्स क्रायोजेनिक्स, नरेश प्रसाद, प्रोपराइटर वायपर कुटीर, राजकुमार शर्मा, ट्रांसपोर्टर, आरके बगेरिया, ट्रांसपोर्टर, मनोजरंजन प्रसाद।

इन 12 आरोपियों को किया बरी
डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री, बेक जूलियस, तत्कालीन सचिव, बेनू झा, प्रोपराइटर लक्ष्मी इंटरप्राइजेट, लाल मोहन प्रसाद, प्रोपराइटर आरके एजेंसी, एमसी सुवर्णों, तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर, महेश प्रसाद, तत्कालीन सचिव, ध्रुव भगत, तत्कालीन अध्यक्ष, लोक लेखा समिति, डॉ. आरके राणा, पूर्व सांसद , जगदीश शर्मा, तत्कालीन अध्यक्ष लोक लेखा समिति , विद्यासागर निषाद, पूर्व मंत्री, अधीप चंद्र चौधरी, कमिश्नर आइटी, सरस्वती चंद्रा, प्रोपराइटर, एसआर इंटरप्राइजेज।

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